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संस्कारों की पोटली / BUNDLE OF MORALS !!


  संस्कारों की पोटली !! 


यह एक पुराने जमाने की कहानी है ।
एक बहुत खूबसूरत नगर था । नगरवासी अच्छी तरह से अपना जीवन व्यतीत करते थे । हर तरफ खुशहाली थीं । नगर का राजा भी हर एक नगरवासी का ख़याल रखता था । 

उस नगर में एक ज्ञानी पुरुष अपनी पत्नी के साथ रहते थे । उन्हें शास्त्र और अध्यात्म का बहुत गहरा ज्ञान था ।
उनकी वजह से कई परीवारोंका भला हुआ था । उन्होंने किए हुए मार्गदर्शन की वजह से बहुतों की समस्यांए हल हुई थी । इसलिए सब उन्हें सम्मान पूर्वक ज्ञानी बाबा कहते थे । नगर का राजा भी उनका आदर करता था । 

ज्ञानी बाबा और उनकी पत्नी के विवाह को बहुत साल हुए थे लेकिन उन्हे कोई संतान नहीं थी । 
सब कुछ पूर्ण रुप से सही था पर यह एक ही समस्या थी ।
सारे नगरवासी भी इसे लेकर चिंतित रहते थे ।

एक बार ज्ञानी बाबा के पत्नी ने निराशापूर्वक स्थिति में कहा कि, "शायद भगवान जी ने मेरे नसीब में मातृसुख लिखा ही नहीं है, इसलिए आज तक हमें एक भी संतान प्राप्त नहीं हुई ।"
उसे देखकर और यह बात सुनकर उन्हे बहुत बुरा लगा । उन्होंने अपनी पत्नी को वचन दिया की वे इस समस्या का हल निकाल लायेंगे ।
उन्होंने कड़ी तपस्या करके भगवान जी से संतान प्राप्ति का आशिर्वाद प्राप्त कर लिया । और उसी आशिर्वाद से एक साल बाद उन्हें पुत्र प्राप्ति हुई । 

सारा नगर खुशी से झूम उठा । हर तरफ जश्न मनाया गया । राजा ने स्वयं आकर उन्हें बधाइयां दी ।
हर दिन खुशी में बीतता गया । बच्चा धीरे धीरे बड़ा होकर एक साल का हो गया । 

फिर एक दिन ज्ञानी बाबा के दिमाग ख़याल आया कि इस बच्चे का भाग्य देखना चाहिए ।
जब वे भाग्य देख रहे थे, तो उन्हें एक बात समझ आयी कि यह बच्चा दस साल का होने के बाद चोरी करने वाला हैं ।
यह पता लगने पर उन्होंने उस बच्चे को समझ आने लगने पर तुरंत शिक्षा देना शुरु कर दिया ।
अच्छी - बुरी चीजें, उनसे होने वाला फायदा - नुकसान और शास्त्रीय अभ्यास आदि सभी बातें सीखाने लगें । 

जब हम छोटे होते है तो हमारा दिमाग स्वच्छ और ताजा होता है । जो भी चीजें बचपन में सिखाई जाती हैं वह हमें आजीवन याद रहती हैं । 

कुछ इसी प्रकार वह बच्चा हर तरह का ज्ञान हासिल करता गया ।
ऐसे करते करते बच्चा बड़ा होकर दस साल का हो गया ।

फिर एक रात अचानक उसके दिमाग में चोरी करने का ख़याल आया ।
वह सोच विचार में उलझा हुआ रात में घर से बाहर निकला और सोचते सोचते सीधा राजमहल के धान्यागार में पहुंच गया । 

वह कोई भी चीज उठ़ाता तो उसे पिताजी ने दी हुई शिक्षा याद आती  कि इस चीज की चोरी करने पर ये सजा मिलती हैं ।
ऐसा करते करते सब चीजें उसने उठा के देख ली लेकिन हर चीज की सजा याद आकर वह वो चीजें छोड़ता गया ।

अचानक से उसकी नजर एक कोने में रखी हुई पोटली पर पड़ी । जब उसने पोटली खोल के देखी तो उसमे चावल के छिलके भर के रखे थे । 
"इस चीज के लिए तो कोई भी सजा पिताजी ने नहीं बताई, तो यही उठ़ा लेता हूँ !" ऐसा सोचकर उसने वह पोटली उठ़ा ली और वापस चलने लगा । 

उसे कुछ अंदाजा नहीं था कि उस पोटली को निचले हिस्से पर एक छेद है । 
जैसा जैसा वो आगे चलता गया, पोटली से छिलके नीचे गिरते गए और वो जिस रास्ते से वापस गया उस रस्ते पर निशान बनते गए ।
जब वो घर तक पहुंचा तो उसे डर लगा कि पिताजी को इस सब के बारे में पता चला तो उन्हें बहुत बुरा लगेगा । इसलिए उसने वह पोटली बाहर ही फेंक दी और अंदर जाकर सो गया । 

दुसरे दिन जब राजा को पता चला कि धान्यागार से कुछ सामान चोरी हुआ हैं, तो उसने तुरंत सैनिकों को चोर को ढूंढने का आदेश दिया । 
छिलके गिरने की वजह से रस्ते पे निशान तो बने ही थे, उनके आधार से चलते चलते सैनिक ज्ञानी बाबा के घर तक पहुंच गए । 

ज्ञानी बाबा आदरणीय इन्सान थे इसी कारण सैनिकों ने उन्हें बड़ी सम्मानता के साथ राजमहल चलने के लिए कहा । 
वह राजमहल में पहुंचे तब राजा ने उनसे चोरी करने के पीछे की वजह पूंछी, तब उन्होंने बच्चे का भाग्य, उसे दी हुई शिक्षा और यह घटना आदि सबके बारे में बताया और क्षमा मांगी । 

तब राजा ने उनके इस नजरिये की वजह से उन्हें सम्मानित किया और राजमहल में उपस्थित सब से कहा की, इस घटना से हम सब को एक सीख मिलती हैं की -

"होनी को कोई टाल नहीं सकता, लेकिन 
संस्कार और अच्छे कर्म के साथ नतीजा जरुर बदला जा सकता है ।" 

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जब कोई नया व्यापार शुरु करता हैं तो शुरुआत में उसे अच्छे संस्कार मिलना, मूल्य, नैतिकता, कार्यपद्धती इन सबका ज्ञान होना बेहद जरुरी होता है ।
अधुरे एवं बिना ज्ञान के साथ कोई व्यापार में कर्म, कार्य करने जाए तो कई परेशानियां, मुसीबतें झेलनी पड़ सकती हैं । 

हमारे समूह के सारे लोग व्यापार में नये थे, तब से ही आवश्यक चीजें सीखने में, उनकी जानकारी लेने में सबने खुद का मौल्यवान समय बिताया हैं । और इसी कारण सबके मूलभूत विचार, उनकी नींव और काम करने के तरीके मजबूत हैं ।
आप अगर किसी भी प्रकार का व्यापार शुरु करना चाहते हैं, शुरु किया है या कर रहे हैं तो अलग-अलग तौर तरीके जरुर सीख ले ताकि आगे चलकर सब कुछ सुसंगत रहने में और व्यापार वृद्धि और विस्तार में सहायता होगी । 

व्यवसाय या व्यापार के लिए, अपने उत्पाद के विपणन के लिए कारगर कई तरह की चीजें हम सब लोग सीखाते है । उन सब चीजों का लाभ अवश्य उठाएं और अपने व्यापार में बढ़ोतरी लाएं । 

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धन्यवाद  ... !! 😊


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  Bundle of Morals !! 


The story is of an old era.
It was a very beautiful kingdom. The people of the kingdom used to lead their lives well. There was happiness everywhere. The King also took care of each and every citizen of the kingdom. 

A wise man lived with his wife in that kingdom. He had very deep knowledge of scriptures and spirituality. Many families benefited because of him. Due to his guidance, many problems were solved. And that's why everyone respectfully called him Gyani Baba. The King also respected him. 

Gyani Baba and his wife had been married for many years but they had no children. Everything was perfect but this was the only problem. All the people were also worried about this. 

Once Gyani Baba's wife said in a dejected state, "Perhaps, God has not written maternal happiness in my destiny, that's why we didn't have a single child till date." 
He felt very bad seeing her and hearing this. He promised his wife that he would solve this problem. 
By performing severe penance, he obtained the blessings of having a child from God. And with the same blessings, after one year, they gave birth to a son. 

The whole kingdom jumped with joy. There was celebration everywhere. The King himself came and congratulated them. 
Every day passed with happiness. The child gradually grew up to be one year old. 

One day the thought came to the mind of Gyani Baba that the fate of this child should be seen. 
When he was seeing the fate, he got to know one thing that this child is going to steal after the age of ten. 
On coming to know about this, immediately when the child started to understand, Gyani baba started teaching him good and bad things, their benefits and harms and scriptural practices etc. 

When we are young, our mind is pure and fresh. Whatever things are taught in childhood, we remember them for a lifetime. 

Just like this, that child kept on gaining all kinds of knowledge. While doing this, the child grew up to be ten years old. 

Then one night suddenly the thought of stealing came to his mind. Entangled in thoughts, he came out of the house at night and while thinking, reached straight to the granary of the King's palace. 

If he used to pick up anything, he would remember the lesson given by his father that stealing this thing would be punished. While doing this, he picked up all the things and looked at them, but remembering the punishment for everything, he left those things. 

Suddenly, his eyes fell on a bundle kept in a corner. When he opened the bundle, he saw that it was full of rice peels. 
"Father didn't tell me any punishment for this, so I'll pick it up !" Thinking like this, he picked up the bundle and started walking back. 

He had no idea that the bundle had a hole at the bottom. As he went ahead, the peels kept falling down from the bundle and marks were made on the way he went back. When he reached home, he felt afraid that if father came to know about all this, he would feel very bad. That's why he threw that bundle outside and went inside and slept. 

The next day, when the King came to know that some goods had been stolen from the granary, he immediately ordered the soldiers to find the thief. 
Due to the falling of the peels, marks were made on the road. Walking with the direction, the soldiers reached the house of the Gyani Baba. 

Gyani Baba was a respectable person, so with great respect, the soldiers asked him to come to the palace.
When he reached the palace, the King asked him the reason behind stealing. 
He told about the child's fate, the education given to him and this incident etc. and apologized for the incident too. 

The King honored him for his approach and told everyone present in the palace that we all get a lesson from this incident -

"No one can avoid happening, but 
with morals and good deeds, the result can definitely be changed." 

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When someone starts a new business, it is very important for him to have good knowledge, values, ethics, and procedures in the beginning. If someone goes to work in business with half or without knowledge, he may have to face many problems and troubles. 

All the people in our group were new in the business, since then everyone has spent their valuable time in learning the necessary things and getting information. And this is the reason why everyone's basic ideas, foundation and way of working are strong. 
If you want to start/have started or are doing any type of business, then you must learn different elements so that it will help you to stay consistent in the future. 

We all teach many types of aspects that are effective for business. Make sure to take advantage of all those things and bring growth in your business. 

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Thank you ... !! 😊



4 comments

Radha said...

Great teachings and beautiful story👏

Chinmay said...

Correct. Right morals are so important. Great story Mak!

Unknown said...

Very nice story and good moral

ajinkya said...

Nice story. Nurturing is important in life.