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Stop, Observe, Act / रुको, देखो, फिर कदम उठाओ !!


   Stop, Observe, Act !!  


One day, a man walked into a psychiatrist's clinic.

He seemed to be very bad just like death warmed over.
He was shaking all over his body.
His eyes were sunk into his head. He hadn't slept in months.
He begged the doctor to help him. 

The man told the psychiatrist about his terrible dream.
Every time he'd fall asleep, he'd have the same frightening nightmare. 

He'd have been running on the street. While running, he'd go right up his building … He would come near a huge door and then no matter how hard he pushed the door - he couldn't open the door to get in ! 
He tried hard but nothing happened. No matter how much the super-human strength he could amass, the door wouldn't just open! 

He would wake up in a cold sweat, shaking, scared and exhausted.
He dreaded the dream so much that no matter how tired he became, he was afraid to close his eyes.
He said it felt like he was going to die if he didn't get in that door. 

The doctor  :  Why it was so important to open the door ?

The man      :  Because it was the door to my future. It was the door that would lead me from failure to success but I couldn't open it! 

The doctor  : (by thinking for a moment) You have this dream every time you fell asleep, right? 

The man nodded Yes.

Again the doctor thought for long and hard and then smiled.
The doctor  : I think I have the cure for your nightmare.

Tonight, before you close your eyes, tell yourself that when you come to the door again, you will notice everything about it.
No matter how insignificant you think it is, notice every detail.
Then come back tomorrow and tell me what you have seen. 

The next day, when the doctor saw him, he couldn't believe his eyes!

The fellow who was shaken, shrunken a day before, completely disappeared.
That man looked vibrant and alive. His eyes were bright and he was smiling!
The doctor quickly took him to his cabin and asked the reason behind this drastic change in him.

The man      : I followed the advice you gave me.
Before I fell off to sleep, I told myself to remember every detail about "the door to success".
Just like always, as I fell asleep, the dream returned.
When I came up to the door, I pushed harder than ever before. I kept pushing and pushing, but like always, nothing happened. 

Suddenly, I remembered your advice.
I stepped back and observed everything about the door. 
And you know what I saw?
The doctor said excitedly, "No! Tell me, tell me."
There was a sign on the door I'd been pushing.

 The sign was "PULL!" 


Such occasions keep coming again and again in the life of every human being.
We try our best to get what we want, but often it doesn't happen.
We keep on "Pushing", but even a little, slightly distinct thought can make a big difference. 

Sometimes a slight turn changes the direction of life.
The meaning of life is Change, Transformation.
And that's why we should keep the same approach every time.

The mindset should be to "Pull" rather than "Push". 

💫💫💫💫💫💫💫

👉 Me and all my colleagues strongly believe in Change.
Changes always happen in the world. With time, new technologies get adopted. 
To stay up-to-date with time, we try to learn new things and achieve our goals of business growth. 

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Thank you ..!! 😉


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  रुको, देखो, फिर कदम उठाओ !!  


एक दिन, एक आदमी एक मनोचिकित्सा केंद्र में गया ।

वह बहुत थका हुआ, कमजोर लग रहा था, जैसे कि उसके हालात बहुत ही बुरे हो ।
उसका पूरा शरीर कांप रहा था ।
उसकी आँखें उसके सिर में धँसी हुई थीं । वह महीनों से सोया नहीं था ।
उसने मनोचिकित्सक से उसकी मदद करने की याचना की । 

उस आदमी ने चिकित्सक को अपने भयानक सपने के बारे में बताया ।
हर बार जब वह सो जाता, तो उसे वही भयानक, बुरा सपना आता ।

"वह सड़क पे भाग रहा होता ।
भागते भागते सीधे अपने इमारत के ऊपर जाता … एक बड़े दरवाजे के पास आता । 
फिर उसने दरवाजे को कितनी ही जोर से धक्का दिया, पर वह अंदर जाने के लिए दरवाजा नहीं खोल पाता !" 

हर बार उसने बहुत कोशिश की लेकिन कुछ नहीं हुआ । 
वह कितनी भी अतिमानवीय, अलौकिक ताकत का इस्तेमाल करता तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता - दरवाजा बिलकुल ही नहीं खुलता ! 

वह हमेशा पसीने में काँपता, डरा हुआ और थका हुआ जागता ।
वह उस सपने से इतना भयभीत था कि कितना भी थक जाए, अपनी आंखें बंद करने से डरता था ।
उसने कहा कि ऐसा लगता है कि अगर वह उस दरवाजे के अंदर नहीं गया तो मर जाएगा । 

चिकित्सक    : वो दरवाजा खोलना इतना जरूरी क्यों था  ?
आदमी         : क्योंकि वो मेरे भविष्य का दरवाजा था । 
ये ऐसा दरवाजा था जो मुझे असफलता से सफलता की ओर ले जाएगा, लेकिन मैं इसे खोल नहीं पाया ! 

चिकित्सक    : (एक पल के लिए सोचते हुए) जब भी आप सोते हैं तो आपको हर बार यही सपना आता है ना  ? 

उस आदमी ने हाँ में सिर हिलाया ।

चिकित्सक ने फिर बहुत देर तक और गहरा सोचा और फिर मुस्कुराया ।
चिकित्सक    : मुझे लगता है कि मेरे पास आपके बुरे सपने का इलाज है ।

आप ऐसा किजीए - 
आज रात, अपनी आंखें बंद करने से पहले, अपने आप से कहें कि जब आप फिर से दरवाजे पर आएंगे, तो उस दरवाजे के बारे में सब कुछ पता करेंगे ।
आपको ये कितना भी महत्त्वहीन लगे कोई फर्क नहीं पड़ता, आप सिर्फ हर चीज पर ध्यान दें ।
फिर कल वापस आ के मुझे बताइए कि आपने क्या देखा । 

अगले दिन जब चिकित्सक ने उसे देखा तो उसे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ !

जो इन्सान एक दिन पहले डरा हुआ था, सिकुड़ गया था, वह पूरी तरह से गायब हो गया ।
वह अब बिलकुल फुरतीला लग रहा था। उसकी आँखों में चमक थी और वह मुस्कुरा रहा था !
चिकित्सक उसे जल्दी से अपने कक्ष में ले गया और उससे इस भारी बदलाव का कारण पूंछा । 

आदमी         : आपने मुझे जो सलाह दी, मैंने उसका पालन किया ।
सोने से पहले, मैंने खुद को "सफलता के द्वार" के बारे में हर बात याद रखने के लिए कहा ।
हमेशा की तरह, जैसे ही मैं सोया, वो सपना फिरसे आगया ।
जब मैं दरवाजे पर आया, तो मैंने पहले से कहीं ज्यादा जोर से धक्का दिया । मैं धक्का देता करता रहा, लेकिन हमेशा की तरह कुछ नहीं हुआ । 

अचानक मुझे आपकी दी हुई सलाह याद आ गई ।
मैं थोड़ा पीछे हटा और दरवाजे के बारे में सब कुछ देखा ।
और आप जानते हो मैंने क्या देखा ?
चिकित्सक ने उत्साह से कहा, "नहीं! बताइए, बताइए ।"
दरवाजे पर एक संकेत दिया हुआ था, जिसे मैं बार बार धक्का देता रहता था ।

 वो संकेत था "खींचो !" 


हर इन्सान के जीवन ऐसे मौके बार-बार आते रहते है ।
हमें जो चाहिए वो पाने के लिए हम जी-जान से कोशिश करते है, लेकिन अक्सर वैसा नही हो पाता ।
हम "धक्का लगाते" ही रहते है, किंतु एक छोटासा, कुछ अलगसा विचार बहुत बडा फर्क ला सकता है । 

कई बार हलकासा मोड़ जीवन की दिशा बदल देता है ।
जीवन का मतलब ही परिवर्तन है ।
और इसीलिए हमें हर बार वही प्रयास रखना चाहिए । 

"धकेल"ने के बजाए "खींच"ने का विचार होना चाहिए । 

💫💫💫💫💫💫💫

👉 मै और मेरे सभी साथी परिवर्तन में दृढ विश्वास रखते है ।
दुनिया में हमेशा बदलाव होते रहते है । समय के साथ और नई नई तकनीकीयों का अद्यतन होता है । 
इस सबसे संलग्न रहने के लिए हम नई नई चीजें सीखने का प्रयास करते है और हमारा व्यापारवृद्धी का लक्ष्य हासिल करते है । 

👉 आप भी इन विचारों से सहमत है तो नीचे दिन हुए व्हाॅट्सॲप समूह पर हमसे जुड़े और आपके विचार हमारे साथ साझा करें ।👇


धन्यवाद ..!! 😉


3 comments

Radha said...

While reading this I realized that most of the time we just miss out on small yet significant details in life. Remarkably meaningful post 👏

ajinkya said...

Nice story Makarand. Sometimes we should try to pull the door instead of pushing.
A different point of view is always necessary for every single situation in life.
Your writing gives me that different view. Keep writing. 👍👍

Akshay J said...

What a story man !! Humar with learnings.. 👏
I like to read your blogs always as I believe there is some fantastic stuff to learn in every post.
Keep it up buddy ...👍