कछुआ और खरगोश / The Tortoise and the Hare !!
कछुआ और खरगोश !!
आपने कछुआ और खरगोश की कहानी तो सुनी ही होगी ।
शायद पूरी नहीं सुनी होगी। आज मैं आपको बताता हूँ ।
यह कहानी सिर्फ मनोरंजन करने के हेतु नहीं बल्कि जीवन या व्यापार के कई तत्व सिखाती हैं ।
आखिर तक जरुर पढियेगा ।
तो…
एक बहुत सुंदर घना जंगल होता हैं ।
पेड़, पौधे, झाड़ियां, नदी, पहाड़ियां, पंछी इन सबसे सजा हुआ ।
उस जंगल में एक खरगोश होता हैं ।
उसकी एक खासियत यह के वह बहुत तेज भाग सकता हैं ।
कोई भी गुजरने वाला जानवर उसे मिलने के बाद उसे यही कहता हैं की, "यार, तू तो बहुत अच्छा दौड़ता हैं । इस पूरे जंगल में तेरे जितना तेज दुसरा कोई खरगोश नहीं हैं ।"
उसे यह बात सुनकर हमेशा खुद पर बहुत गर्व महसूस होता हैं ।
भाग १ -
एक बार वह पेड़ के नीचे बैठा फल खा रहा होता हैं ।
तभी उसे सामने एक कछुआ दिखाई पड़ता हैं ।
कछुए की चाल, गती देखकर उसे बहुत हंसी आती हैं ।
वो कछुए के पास जाकर मजाक उड़ाते हुए बोलता हैं,
"कमाल है कछुए, तू तो बहुत ही तेज हैं । चल दौड़ लगातें है, देखते हैं कौन जीतता हैं ।
और दौड़ शुरु हो जाती हैं ।
दौड़ते दौड़ते खरगोश पीछे देखता हैं तो कछुआ उसे दिखाई नहीं देता । वो सोचता हैं की, चलो थोडी देर आराम कर लेता हूँ ।
और आराम करते करते उसकी आँख लग जाती हैं ।
यहाँ कछुआ धीरे धीरे आगे बढ़ रहा होता हैं ।
जब खरगोश की आँखे खुलती हैं, तब तक कछुआ समाप्त रेषा तक पहुँचके दौड़ पूरी करके जीत जाता हैं ।
सीख :
१. कभी भी अतिआत्मविश्वास नहीं होना चाहिए ।
२. धीरे और स्थिरता के साथ जीता जा सकता हैं ।
भाग २ -
अब खरगोश को होश आता हैं (मैं इतना तेज होकर भी एक कछुए से दौड़ कैसे हार गया !!) ।
वो बोलता हैं, "चल कछुए, एक बार और दौड़ लगाते हैं ।
वो सामने दिखाई देने वाले पहाड़ तक जाना है ।"
दौड़ शुरु होती हैं । और इस बार कहीं भी न रुके, तेजी से खरगोश दौड़ पूरी करके जीत जाता है।
सीख :
१. गलतियों से सीखो ।
२. गलतियां ध्यान में रखो पर बार बार मत दोहराओ ।
भाग ३ -
अब कछुआ बोलता हैं, "देख, मैंने तेरी सुनी, अब तू मेरी सुन ।
चल, और एक बार दौड़ लगाते हैं लेकिन रास्ता दुसरा होगा ।
खरगोश बिना सोचे तुरंत हां कर के दौड़ शुरु करने को बोलता हैं ।
दोनो भागने लगते हैं ।
खरगोश तेज भागते भागते आगे निकल जाता हैं ।
लेकिन बीच में ही रुक जाता है क्योंकि नदी आ जाती हैं ।
पीछे से कछुआ आता हैं, पानी में उतर के तैर के, नदी के दुसरी तरफ पहुँचकर जीत जाता हैं ।
सीख :
१. अपनी ताकत के अनुसार रणनीति बनाओ ।
२. बिना कुछ जाने, बिना सोचे समझे कोई फैसला मत लो ।
भाग ४ -
अब दोनो एक-दुसरे के साथ खेलभाव से दौड़ लगाते हैं ।
जब जमीन होती हैं तब कछुआ खरगोश के ऊपर बैठता हैं और जब नदी आती हैं तब खरगोश कछुए के ऊपर ।
ऐसा करते हुए दोनों मित्रता भाव से दौड़ पूरी करते हैं ।
सीख :
१. दोस्त ऐसे बनाओ कि आपकी कमजोरी ही उनकी ताकत हो ।
२. समूह के साथ काम करो, समय भी बचेगा, नतीजा भी दुगना होगा ।
💫💫💫💫💫💫💫💫
👉 हम सब इसी तरह समूह में एक साथ काम करते है।
ज्ञान कभी भी बेकार नहीं जाता।
इसीलिए हम सब मिलकर किताबें पढ़ते है जिससे शिक्षा, सीख मिलती है, जो हमे किसी भी क्षेत्र में काम आती हैं ।
आप भी इसका लाभ जरुर उठाएँ जो की बिलकुल मुफ्त है और ज्ञान लेने का आनंद लें ।
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The Tortoise and the Hare !!
You must have heard the story of the tortoise and the hare.
But might not have heard it completely. Let me tell you.
This story is not just for entertainment but teaches us many elements which are very useful in life or business.
Must read till the end.
So...
There is a very beautiful dense forest.
Adorned with trees, plants, bushes, rivers, hills, birds etc. all of these.
There is a hare in that forest.
One of his specialties is that he can run very fast.
Any passing animal after meeting that hare used to say, "Hey, you run very faster. There is no other hare as fast as you in this whole forest."
He always used to feel very proud of himself after hearing this.
Part 1 -
Once he was eating fruit sitting under a tree.
Just then he saw a turtle passing by in front of him.
He started laughing a lot seeing the movement and speed of the tortoise.
He approached the tortoise and mockingly said,
"Awesome tortoise, you are very fast. Let's race, let's see who wins."
And the race starts.
When the hare looks back while running, the tortoise is not visible to him. He thinks, let's rest for a while.
And while resting, he goes into a deep sleep.
And the tortoise continues to move slowly forward.
When the hare wakes up, the tortoise reaches the finish line and wins the race.
Learnings :
1. There should never be overconfidence.
2. Slow and steady wins the race.
Part 2 -
Now the hare gets conscious (how did I lose the race to a tortoise even after being so fast !!).
He says, "Come on tortoise, let's run one more time.
We have to go to the mountain that is visible in front.
Again the race begins. And this time without stopping anywhere, the hare wins by completing the race faster.
Learnings :
1. Learn from mistakes.
2. Keep mistakes in mind but don't repeat them again and again.
Part 3 -
Now the tortoise says to the hare, "Look, I listened to you, now you listen to me.
Let us run one more time but the route will be different.
Without thinking, the hare immediately says yes to start the race.
Both start running.
The rabbit runs ahead while running fast.
But stops in the middle because the river comes into the race path.
The tortoise comes from behind, enters the water and swims, reaches the other side of the river and wins.
Learnings :
1. Make a strategy according to your strength.
2. Don't take any decision without knowing anything, without thinking.
Part 4 -
Now both of them run with each other in a sporty way.
When there is land, the tortoise sits on the hare and when the river comes, the hare sits on the tortoise.
While doing this, both complete the race in a friendly manner.
Learnings :
1. Make friends in such a way that your weakness is their strength.
2. Work with a team, time will be saved, and results will also be doubled.
💫💫💫💫💫💫💫💫
👉 We all work together in a group like this.
Knowledge never goes to waste.
That's why we all read books together from which we get education and learning, which are useful in any field.
You should take advantage of it which is absolutely free and enjoy taking knowledge.
😁😁😁😁
4 comments
Never had this perspective towards this tale.
Good one..👌
Nice sir🙏
Great writing Mak!
ससा-कासव शर्यत ही गोष्ट सगळ्यांनाच माहित आहे, पण त्यातून एक वेगळाच संदेश कल्पकतेने मांडलास.
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